पहाड़ों को नुकसान और नदियों को प्रदूषण से बचाना चाहिए : शुभांगी माहुलकर
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उभरते सितारे मे 'पर्वत नदियों और जीवन'
नागपुर। पर्वत और नदियों से भरी हमारी यह वसुंधरा, सभी प्राणी मात्र के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह हम सबके जीवन को बहुत प्रभावित करती है। पर्वत और नदियां हमसे कुछ मांगते नहीं बल्कि, यह हमेशा सबको आनंद और जीने के लिए प्रेरित करते हैं। इनके बिना जीवन की कल्पना ही अधूरी है। इसीलिए, हमें अपने स्वार्थ के लिए पहाड़ों को नुक्सान और नदियों को प्रदूषण करने से बचाना चाहिए। यह विचार शुभांगी माहुलकर ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें।
विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'पर्वत नदियां और जीवन' पर आधारित शिक्षाप्रद ज्ञानवर्धक और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप मे आदर्श ग्रहणी पुरस्कार प्राप्त, सुपरिचित लोकगीत गायिका श्रीमती शुभांगी नरेंद्र माहुलकर उपस्थित थीं। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। अपने संबोधन में शुभांगी माहुलकर ने बच्चों को उनके उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। तथा, स्वयं उन्होंने ने एक सुंदर भजन भी सुनाया।
तत्पश्चात, गीत संगीत से बच्चों की प्रस्तुतियां सराहनीय रही। जिसमें, आदित मिंज, कमल मोहालीकर, अमिता देशमुख और भव्या अरोरा ने सुंदर गीत गाकर समां दिया। जेके डांस एकेडमी के प्रिशा गोखले, अयान अश्विन लिखारे और हिरण्या योगेश चरडे ने शानदार शास्त्रिय नृत्य से सबका मन मोह लिया।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ विनोदिनी अविनाश कठाने, कुणाल माहुलकर, अमोल हाडके, जवाहर राव, सुषमा पुराणिक, प्रियंका हाडके, गीता सुरेश मिंज, अनुजा अश्विन लिखारे, अश्विन गोखले, विजय मोहाड़ीकर, दीप्ति योगेश चरडे, वैशाली मदारे, वेदप्रकाश अरोरा आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रशांत शंभरकर और विजय भगत ने सहयोग दिया। कार्यक्रम का संचालन एवं उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।

