हार्मनी इवेंट्स का ‘फिर रफ़ी’ यादगार संगीतमय महोत्सव
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नागपुर। पद्मश्री मोहम्मद रफ़ी की 101वीं जयंती के उपलक्ष्य में हार्मनी इवेंट्स की ओर से “फिर रफ़ी” नामक भव्य संगीतमय संध्या का आयोजन साइंटिफिक हॉल, लक्ष्मीनगर, नागपुर में किया गया। कार्यक्रम की संकल्पना व निर्मिति संकल्पना राजेश समर्थ ने की थी।
शो की शुरुआत प्रसन्ना राव द्वारा “बे होश हवास में दीवाना”, “है दुनिया उसी की” और’ अजी ऐसा मौक़ा फिर कहाँ” जैसे रफ़ी हिट्स से हुई। इसके बाद रचना पंजाबी “दिल जो न कह सका” और अशफ़ाक़ शेख’ गर तुम भुला न दोगे” ने पेश किया, जबकि ध्वनी मुले “अकेले हैं चले आओ” से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।
बाद में प्रसन्ना राव और ध्वनी मुळे मिलकर “वो जब याद आए” तथा “दिल ने फिर याद किया” गाया,
जिसमें दिनेश बावनकर भी शामिल थे, वहीं शुभांगी बावने के साथ “इशारों इशारों में” और रचना जी के साथ “बे ख़ुदी में सनम” गाया। साथ ही ‘तेरी प्यारी प्यारी सूरत”, “एक न एक दिन ये दुनिया छोड़कर”, “चेहरे पे हँसी छलकती रही ज़ुल्फ़ें” जैसे लोकप्रिय गीतों के साथ “तुझे जीवन की डोर से”, “गुनगुना रहे हैं भँवरे” और “कितना प्यारा वादा” जैसे रोमांटिक डुएट्स भी गाये गये। धर्मेंद्र मेडली विशेष आकर्षण रही, जिसमें रफ़ी– धर्मेंद्र की फिल्मों के कई जोशीले गीत एक के बाद एक सुनाए गए।
कार्यक्रम का समापन में प्रसन्ना राव और ध्वनी मुळे “चुरा लिया है तुमने जो दिल को”, “ज़मीं से हमें आसमाँ पर” और “अच्छा जी मैं हारी चलो मान जाओ ना” जैसे पेश किये गये “उड़े जब जब ज़ुल्फें तेरी”, “गुलाबी आँखें”, “ओ हसीना ज़ुल्फों वाली” और “अभी न जाओ छोड़कर” पर धमाकेदार गाये गए तथा समापन मो. रफ़ी के अमर गीत “सुहानी रात ढल चुकी” से किया।
