बच्चों के लिए ‘उभरते सितारे’ यह मंच बहुत आवश्यक है : डॉ. नीरजा बांगरे वाघ
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उभरते सितारे मे 'यादों के पल'
नागपुर। बचपन की अविस्मरणीय बातें और यादें बड़े होने तक स्मृति में बनी रहती है। यही यादें मन को कहीं हंसाती है तो, कहीं प्रेरित करतीं हैं। अपने शिक्षक, अपने परिजनों के साथ बिताए भावपूर्ण पल हमेशा याद आते हैं। यह विचार प्रशांत शंभरकर ने बच्चों और उनके अभिभावकों के बीच रखें। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'यादों के पल' पर आधारित शिक्षाप्रद ज्ञानवर्धक और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा।
कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप मे आकाशवाणी कलाकार एवं सरस्वती कला केंद्र की संचालिका डॉ. नीरजा बांगरे वाघ उपस्थित थीं। इनका सम्मान संयोजक युवराज चौधरी ने स्वागत वस्त्र और स्मृति चिन्ह देकर किया। अपने संबोधन में नीरजा वाघ ने उभरते सितारे उपक्रम की आवश्यकता पर जोर दिया। और कहा की, बच्चों के लिए यह मंच बहुत आवश्यक है। गुरु की उपस्थिति में भी बच्चों ने बहुत सुंदर गाया है। तथा स्वयं भी उन्होंने ने एक सुंदर गीत सुनाया।
तत्पश्चात, गीत संगीत से बच्चों की प्रस्तुतियां सराहनीय रही। जिसमें, प्रणव चारी ने 'नीले नीले अंबर पर', सीमा पांडे ने 'सुरमई अंखियों में', मंजरी कुलकर्णी ने 'आने वाला पल', सुष्मिता सरकार ने 'तुम्हें याद करते-करते', आदित मिंज ने 'लिए सपने निगाहों में' गाकर समां दिया।
जेके डांस एकेडमी के प्रिशा गोखले, अयान अश्विन लिखारे, संपूर्णा रेमंडल, क्रिति करमाकर और पुबाली करमाकर ने शानदार नृत्य से दिल जीत लिया।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ शिरीष पांडे, मनीष जैन, ज्योति गोखले, प्रियंवदा खोबरागड़े, गीता सुरेश मिंज, अनुजा अश्विन लिखारे, मोनिका रेमंडल, अश्विन गोखले, चंपा करमाकर, वैशाली मदारे, श्याम कटारिया, मीनाक्षी केसरवानी, दुर्वासा पटेल आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रशांत शंभरकर ने सहयोग दिया। कार्यक्रम का संचालन एवं उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक युवराज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।


