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शहीद हमारे


हम सुरक्षित हैं,
क्योंकि हमारी सुरक्षा के



लिए
हड्डियां गला देने वाली ठंडी में भी
वे सीमाओं पर पहरा देते हैं।

हम सुख की नींद सोते हैं
क्योंकि मौसम की मार झेलकर
वे रात रात भर जागते हैं।

हम अपने परिवारों के साथ
सुख शांति से रहते हैं,
क्योंकि अपने परिवारों का
सुख छोड़कर,अकेले उनसे दूर
बहुत दूर रहकर वेहमारे लिए
कष्ट  झेलते हैं।

हम अपने बच्चों के भविष्य के
सपने बुनते हैं,क्योंकि
अपने बच्चों का भविष्य
भाग्य भरोसे छोड़ वे
हमारे  बच्चों के लिए जीते हैं।

इंसान वे भी हैं, हम भी
पर कितना अंतर है।
हम अपने सुखों के लिए जीते हैं
और वे सबके सुखों के लिए
जीवन बलिदान कर देते हैं
मातृभूमि पर निछावर हो जाते हैं
शहीद हो जाते हैं
शहीद हो जाते हैं।

- प्रभा मेहता
नागपुर (महाराष्ट्र)

काव्य 9009749891742091300
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