जल, ज़मीन, जंगल, जलवायु व जानवर प्रकृति का संवर्धन आवश्यक
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सिंधुड़ी के मोटीवेशनल स्पीच में तलरेजा का कथन
नागपुर। नगर के कलाकरों की संस्था सिंधुड़ी यूथ विंग, सिंधुड़ी सहेली मंच नागपुर तथा सुहिंणा सिंधी पूना की ओर से सुप्रसिद्ध मोटीवेशनल स्पीकर वाधनदास तलरेजा ने आन लाइन कार्यक्रम में कहा कि जल, ज़मीन,जंगल, जलवायू व जानवर प्रकृति की बहुत बड़ी देन है। इनका संवर्धन करना हर नागरिक का दायित्व है।
सिंधुड़ी यूथ विंग के संस्थापक संयोजक तुलसी सेतिया के संयोजन में आयोजित इस कार्यक्रम में आर.एस.एस.के सक्रिय सदस्य अविचल सिसोदिया, पोद्धार सिल्क मिल के मार्केटिंग हेड नरेन्द्र गिदवानी, सुहिणा सिंधी पूना के अध्यक्ष पीतांबर पीटर ढलवानी प्रमुखता से उपस्थित थे।
गरीबी के चार मुख्य कारण
वाधनदास तलरेजा ने स्पीच में आगे कहा कि भारत में गरीबी के लिए हम स्वयं ही जवाबदार हैं हम आलसी हैं आज का काम कल पर डालते हैं। गरीबी का मुख्य कारण है अकर्मणता, अव्यवहारिता, अनैतिकता व संकीर्णता जन मानस को सोच बदलनी होगी , हम कर्म में कम विश्वास रखते है और पीरों, संतों बाबाओं से पूछते हैं, जबकि कर्तव्य प्रधान है कर्म उसकी पूजा है।
जल है तो जीवन है
उन्होने प्रकृति के संदर्भ में कहा कि जल है तो जीवन है,1947 में भारत में 24 लाख बड़े बड़े तालाब थे, अब केवल 80 हजार तालाब हैं। हम देख रहे हैं भूजल का स्तर कम होता जा रहा है। इस दौर में गांव गांव जाकर तालाब बनाने वाले पद्मश्री व जल पुरुष पुरस्कार से सम्मानित राजेन्द्रसिंग के पराक्रम के बारे में जानकारी दी। प्रकृति ने ज़मीन दी है भारत में मात्र 37 % ज़मीन पर ही खेती होती है, पद्मश्री से सम्मानित सुभाष पालेकर ने बंजर ज़मीन पर पौधे लगाने में सफलता हासिल कीऔर ज़ीरो बजट में खेती का कीर्तीमान स्थापित किया , उन्होने इस संदर्भ में पुस्तकें लिखी और किसानों को ज़ीरो बजट पर खेती करना सिखाया, आज 30 हजार किसान ज़ीरो बजट पर खेती करते हैं। तलरेजा ने कहा कि जंगल के पेंड़ो पौधै हमें आक्सीजन देते हैं वृक्ष बचेगा तो धरती बचेगी।
गाय के गौमूत्र, दूध इत्यादि से कैंसर का इलाज
तलरेजा ने कहा कि प्रकृति की बड़ी देन है गाय ,गाय पूजनीय तो है ही लेकिन कैंसर जैसी बीमारियों व अन्य बीमारियों से निजात दिलाने हेतु वरदान है। दूध,दही,मख्न, शक्ति देता है,गौमूत्र से इलाज होता है और गोबर से खाद बनती है। सूरत से 60 कि.मी. दूरी पर वादला में आर.एम.कैंसर हास्पीटल में गाय के गौमूत्र दूध इत्यादि से इलाज होता है।
जर्मनी में बना है बूढ़ी गायों हेतु वृद्धा आश्रम
वाधनदास तलरेजा ने बताया कि जर्मनी में बूढी़ गायें बूचड़ खाने में न जाएं इस उद्देश्य से गायों के लिए वृद्धा आश्रम बनवाया गया है। सुहिंणा सिंधी पूना के अध्यक्ष पीतांबर ढलवानी ने कहा कि दादा तलरेजा ने प्रकृति के मिलने वाले लाभ के बारे से हमें वाकिफ करवाया है। इस अवसर पर अविचल सिसोदिया ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री ने गौशालाएं बनाने व उनके संरक्षण हेतु रचनात्मक कदम उठाए हैं।
उन्होने कहा कि वाधनदास तलरेजा मोटवीवेशनल स्पीकर तो हैं लेकिन एक गुरु की तरह तरह मार्गदर्शन कर रहे हैं। नरेन्द्र गिदवानी ने कहा कि अक्सर हमें थोड़ी परेशानी आती है तो हम अपना कार्य आने में छोड़ देते हैं।दिल , दिमाग व,सच्ची लगन से कार्य करेंगे तो सफलता हमारे कदम चूमेंगी। कार्यक्रम का संचालन तुलसी सेतिया ने किया।
