संबोधन से सजा उभरते सितारे
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जीवन में हमेशा गतिशील तथा प्रयास करते रहना चाहिए : दर्शिका पाटिल
नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का उपक्रम उभरते सितारे, जिसके अंतर्गत संबोधनात्मक संगीतमय कार्यक्रम आयोजित किया गया. कमांडेंट मेजर - प्रोफेसर - डॉक्टर - दर्शिका दीपक पाटिल अतिथि के रूप में उपस्थिति थी. इनका स्वागत वैशाली मदारे ने किया. अपने संबोधन में दर्शिका दीपक पाटिल ने बच्चों को तीन स्वर्ण मुद्राओं की संदेशात्मक कहानी द्वारा बच्चों को जीवन में हमेशा गतिशील रहने और हमेशा प्रयास करते रहने की सीख दी.
कार्यक्रम की शुरुआत हंसा बेन द्वारा सुमधुर शंख ध्वनि से की गई. तत्पश्चात, संस्कृति रमाकांत खडसे, प्रांजना प्रशांत मेश्राम, आद्या भिसे, दिव्या कापसे, राघव रूंगटा , पूर्वी वैद्य, शनाया नगरारे, पूर्वा मोदी ने खूबसूरत नृत्य की प्रस्तुति दी. कु. अंकिता मेहर, शुभम बिनेकर, जियान आहूजा, किमया नन्हई, वैष्णवी सांबरे, दिव्या कापसे, अनित्या लोखंडे, रौनक रूंगटा, सुनील भगत , मीनाक्षी केसरवानी, रेखा जोशी, मान्या आहूजा, विलास दुरुगकर, विकास पवार और कौमुदी गोसावी ने अपने सुमधुर गीतों से लोगों का दिल जीत लिया. इस अवसर पर पदमा इंटरनेशनल कान्वेंट की प्रिंसिपल नीरजा मैडम प्रमुखता से उपस्थित रही.
नवोदित कलाकारों के प्रस्तुतीकरण को मीरा शर्मा, डॉ. लता काले, डॉ. करुणा आटे, कृष्ण सोर,आनंद डोंगरे, प्रो. लिपिका चक्रवर्ती, सीमा लूहा, बाबा खान, संतोष बुधराजा, वैशाली नाईक, शाश्वत गजभिए और प्रशांत शंभरकर ने बहुत सराहा.
कार्यक्रम में वैशाली मदारे और घनश्याम नन्हई ने सहयोग किया. आभार कृष्णा कपूर ने माना. कार्यक्रम का संचालन युवराज चौधरी ने किया.