हमेशा सभी से अच्छा व्यवहार करना चाहिए : यशवंत गायकवाड
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उभरते सितारे मे 'स्नेह बंधन'
नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन का नवोदित प्रतिभाओं को समर्पित उपक्रम 'उभरते सितारे' का आयोजन हिंदी मोर भवन के उत्कर्ष हॉल में किया गया। कार्यक्रम का विषय 'स्नेह बंधन' पर आधारित मनोरंजन और संगीतमय प्रस्तुतियों से भरा रहा। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप मे एमएसईबी के दक्षता विभाग से सेवानिवृत सहायक संचालक यशवंत गायकवाड अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इनका सम्मान संयोजक राज चौधरी और सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने स्मृति चिन्ह देकर किया।
इस अवसर पर स्नेहानगंण दिव्यांग मुलांची शाला प्रमुख मृणाल देशमुख और वीणा मोहडीकर प्रमुखता से उपस्थित थी। अपने संबोधन में यशवंत गायकवाड ने बच्चों को स्नेह बंधन के बारे में छोटी-छोटी कहानियों के माध्यम से समझाया। उन्होंने कहा कि, स्नेह भरा जीवन हो तो सभी जगह आपको सहयोग मिलता है। आपको खुशी के साथ-साथ सुकून भी मिलता है। व्यक्ति के जीवन में जो भी लोग मिलते हैं उनसे हमेशा अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
तत्पश्चात, स्नेहांनगण दिव्यांग मुलांची शाला के बच्चों ने अपनी शानदार नृत्य एवं योग कला का सुंदर प्रदर्शन कर सबका दिल जीत लिया। जिसमें, वानिया झाडे, राजू गुप्ता, भावेश डोंगरे, अनिरुद्ध नेवारे, आदर्श तांबे, कुणाल शेंडे, अरविंद बरबटे, सिद्धार्थ भैरम आदि के नृत्य और योग ने सबको प्रभावित किया। स्पृहा फुरसुले, ध्रीशा देशमुख, उद्वेग देशमुख और विधि जौंजाळ ने शास्त्रीय नृत्य की प्रस्तुति दी। श्वेता फुरसुले ने गीत पेश किया।
बच्चों की प्रस्तुतियों को उनके अभिभावकों के साथ-साथ वासुदेव मोहाडीकर, कृष्णा कपूर, केशव बरडे, जानराव इंगोले, प्रियंका देशमुख, आशिष कुमार मीनाक्षी केसरवानी, आशिष जौंजाळ आदि ने बहुत सराहा। कार्यक्रम मे प्रशांत शंभरकर ने सहयोग किया। कार्यक्रम का संचालन सहसंयोजिका वैशाली मदारे ने किया। एवं उपस्थित सभी दर्शकों, कलाकारों और बच्चों का आभार संयोजक राज चौधरी ने अपने शब्दों में व्यक्त किया।