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अधर्म को समाप्त करने के लिए रामरूपी धर्म का अवतार : संजय महाराज


अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा की रामकथा

नागपुर। अधर्म को समाप्त करने के लिए  राम रूपी धर्म अवतार लेते हैं। यह उद्गार विन्ध्यापीठाधीश्वर बालयोगी अंतरराष्ट्रीय संत संजय महाराज ने व्यक्त किए। 

अखिल विश्व सरयूपारीण ब्राह्मण महासभा की ओर से अमृत भवन, उत्तर अंबाझरी मार्ग में आयोजित श्रीरामकथा के चतुर्थ दिन का पुष्प पिरोते हुए संत संजय महाराज ने कहा कि-‘ जब जब होई धरम के हानी, वाढई, असुर अधम अभिमानी। 

अर्थात जब अधर्म की व्याप्ति होती है तब राम रूपी धर्म का प्रादुर्भाव होता है। जब जब इस धरा पर अत्याचार अनाचार व्यभिचार पापा चार की वृद्धि होती है तब तब वह निर्गुण निराकार ब्रह्मा शगुन साकार रूप में अवतरित होता है

रामू विग्रहवान धर्म: अर्थात राम स्वयं धर्म के विग्रह ( स्वरूप) हैं।
कथा के मुख्य यजमान महासभा के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष रामनारायण मिश्र व सावित्री मिश्र, राजेश प्रसाद पांडेय व शशिकला पांडेय, रवींद्रकुमार पांडेय व अरुणा पांडेय है। बुधवार के नितिन तिवारी तथा केशव कांत तिवारी यजमान  थे। 

रामकथा का समय प्रतिदिन दोपहर 3 से शाम 7 बजे तक रहेगा। 11 नवंबर को भरत मिलाप, 12 नवंबर को हनुमान चरित्र व सुंदरकांड होगा। 13 नवंबर को कथा में श्रीराम राज्याभिषेक के बाद शाम 5 बजे पूर्णाहुति, रात 8 बजे महाप्रसाद होगा। 
सफलतार्थ महामंत्री राजेश पांडेय, ओमप्रकाश मिश्र, प्रेमशंकर चौबे, रत्नेश्वर तिवारी, केशवकांत तिवारी, शैलेश पांडेय, ब्रजेश मिश्र, अजय त्रिपाठी, मनोज पांडेय, जयराम दुबे, जीवन शुक्ला आदि प्रयासरत है।
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