हमारे देश में 1 प्रतिशत से भी कम लोग रक्तदान करते हैं : डॉ. विंकी रुघवानी
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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ. विंकी रुघवानी और साथ में डॉ संगीता रुघवानी एवं डॉ जयप्रकाश।
नागपुर। थैलेसीमिया एंड सिकलसेल सोसाइटी ऑफ इंडिया में विश्व रक्तदाता दिवस मनाया गया। समारोह की अध्यक्षता महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल के उपाध्यक्ष, महाराष्ट्र स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल के सदस्य और थैलेसीमिया एंड सिकलसेल सोसाइटी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष डॉ. विंकी रुघवानी ने की।
डॉ. जयप्रकाश एवं डॉ संगीता रुघवानी मंच पर उपस्थित थे। कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक दीप प्रज्ज्वलित कर की गई। कार्यक्रम में थैलेसीमिया और सिकलसेल के रोगियों के साथ उनके माता-पिता और अन्य लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर नियमित रक्तदाताओं को सम्मानित किया गया।
डॉ. विंकी रुघवानी ने अपने भाषण के दौरान रक्तदान के महत्व के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि हमारे देश में रक्तदाताओं की संख्या हमारी जरूरत से कम है। करीब 1 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जो रक्तदान करते हैं। दुनिया के कई अन्य देशों में रक्तदाताओं की संख्या लगभग 4% है। डॉ. रुघवानी ने कहा कि थैलेसीमिया और सिकलसेल रोगियों के लिए नियमित ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है, विशेष रूप से थैलेसीमिया रोगियों को लगभग हर 15 दिनों में ब्लड ट्रांसफ्यूजन की आवश्यकता होती है।
ऐसे मरीजों के लिए रक्तदान एक जीवन रेखा है। उन्होंने इन जरूरतमंद मरीजों की मदद करने के लिए रक्तदाताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि रक्तदान की प्रत्येक यूनिट से 3 मरीजों को पीआरसी, प्लेटलेट्स और प्लाज्मा से मदद मिल सकती है। इस अवसर पर अन्य लोग भी अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. जयप्रकाश ने किया और धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम की सफलता के लिए डॉ. आशा, डॉ. उषा, प्रधन्या हुमने, अनिकेत घुटके, प्राजकता, हनी खट्टर, विक्की दात्रे, संदीप, आनंद और विलास ने अथक प्रयास किये।