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भारत नवनिर्माण एवं अग्नि सुरक्षा.. अग्निशमन सेवा दिवस विशेष


नागपुर। भारत में स्वतंत्रता के पहले और बाद में भी बडी अग्नी दुर्घटनाओं का सिलसिला जारी हैं। भारत में जब अंग्रेजों का शासन था और दुसरा विश्वयुद्ध चल रहा था। उसी दौरान 14 एप्रिल 1944 को मुंबई के बंदरगाह पर एस एस फोर्ट स्टिकीन नाम के जहाज मे लगी भीषण आग मे अग्नीशमन दलके 66 जवान शहीद हुये और वहां काम कर कहें शेकडो लोगों ने अपनी जान गवाई। उन्ही जवानों की याद में इस दिन अग्निशमन सेवा दिवस के तहत शहिदों को याद कर उन्हे श्रध्दांजली दी जाती है। 
आज देश स्वतंत्र हो चुका है और अनेकानेक क्षेत्रो मे अपना परचम लहरा रहां है। औद्योगिक और शहरीकरण दिन दुना रात चौगुना बढ़ रहा हैं। और इसी के चलते शहरी क्षेत्रों में हर साल आग लगने की घटनाओं की बढ़ती संख्या के साथ, भारत में अग्नि सुरक्षा एक बड़ी चिंता का कारण बन गई है। लगातार हो रही आग लगने की बड़ी घटनाएं, भारत की निर्माण श्रृंखला के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है।
शहरों में हर साल आग लगने की कई घटनाएं होती है, जिनमें कई लोगों की मौत हो जाती है और कई लोग घायल हो जाते हैं। लेकिन इतना ही नहीं, आग लगने की इन घटनाओं से बड़ी मात्रा में संपत्ति जलकर नष्ट हो जाती है, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी भारी नुकसान उठाना पड़ता है।  हम भारत मे हुई कुछ बडी अग्नि दुर्घटनाों पर नजर डालें तों समझ आयेगा की इन दुर्घटनाओं की व्याप्ती कितनीं थी और कितने लोगों की जानें गयी। 

24 मई 2019 को गुजरात के सूरत में स्थित तक्षशिला नामक कॉम्प्लेक्स में शार्ट सर्किट से लगी आग में 22 छात्र-छात्राओं समेत 23 लोगों की मौत ने पूरे देश को दहला दिया। कॉम्प्लेक्स की चौथी मंजिल पर एक शेड के नीचे जीवन को संवारने की तालीम हासिल करने वाले बच्चों का जब धुएं के कारण दम घुटने लगा तो उन्हें आग की भनक लगी और देखा तो सामने से उठ रही आग की भयावह बेकाबू लपटें उन्हें भस्म करने के लिए आगे बढ़ रही थीं।

28 दिसंबर 2017 को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई स्थित कमला मिल्स परिसर की एक कॉमर्शियल बिल्डिंग में लगी आग ने 14 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 55 से अधिक लोग जख्मी हुए थे। नए साल के आगमन से ठीक पहले  हुए इस अग्निकांड ने BMC सहित मुंबई में चल रहे पबों में आग जैसे हादसों को लेकर बदइंतजामी सामने आ गई थी। 

2011 में कोलकाता स्थित AMRI अस्पताल में भीषण आग लगी थी। इस भीषण आग दुर्घटना में जलने और दम घुटने से 89 लोगों की मौत हो गई थी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक 9 दिसंबर की सुबह करीब साढ़े तीन बजे अस्पताल के बेसमेंट से धुआं निकलता दिखाई दिया। बेसमेंट में रखे ज्वलनशीन पदार्थों की वजहों से आग और तेजी से फैल गई, बाद में आग और धुएं की वजह से लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। 
2004 में तमिलनाडु के कुंभकोणम के स्कूल में लगी आग में भी 94 बच्चों को जान गंवानी पड़ी थी। तमिलनाडु के थांजावुर जिले के कुंभकोणम के कृष्णा इंग्लिश मीडियम स्कूल में छत पर लगी आग ने भयानक रूप ले लिया था। ये तमिलनाडु के इतिहास में सबसे बड़ी आग दुर्घटनाओं में से एक है। इस मामले में एक रिटायर्ड जज की अगुवाई वाली जांच कमेटी ने पाया था कि स्कूल मैनेजमेंट ने छात्रों की संख्या तो बढ़ाई लेकिन इंतजाम की तरफ ध्यान नहीं दिया। 

13 जून 1997 को दिल्ली में 59 लोगों की जलकर और दम घुटने से मौत हो गई थी. इस घटना को उपहार अग्निकांड के नाम से भी जाना जाता है। साउथ दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा के बाहर शुक्रवार 13 जून 1997 को सनी देओल, सुनील शेट्टी और अक्षय खन्ना की फिल्म बॉर्डर का फर्स्ट डे, फर्स्ट शो देखने के लिए लंबी कतारें लगी थीं। शाम का शो था, शाम करीब 4.55 बजे सिनेमा हॉल के बेसमेंट में रखे जनरेटर में आग लग गई और धीरे-धीरे पूरे हॉल को आग ने अपने आगोश में ले लिया। इस घटना के कारण हॉल में भगदड़ मच गई और 59 लोग इस आग में ज़िंदा जल गए। वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हो गए, मरने वालों में 23 बच्चे भी थे। सिनेमा हॉल में क्षमता से अधिक लोग बैठे थे। जांच में सामने आया कि सिनेमा हॉल में सुरक्षा और आग रोकने के पुख्ता इंतज़ाम तक नहीं थे। 

23 दिसंबर 1995 को हरियाणा के डबवाली के स्कूल में आग से स्कूली बच्चों समेत 442 लोगों की मौत हो गई थी। शवों के अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट भी छोटा पड़ गया था। सिरसा के डबवाली के डीएवी स्कूल में साल का जश्न मनाया जा रहा था। लेकिन इस खुशी में ऐसी खलल पड़ी कि खुशी का माहौल मातम में बदल गया। वार्षिक उत्सव के दौरान पंडाल के गेट पर शॉट सर्किट हुआ और चंद मिनटों में आग ने पूरे पंडाल को अपनी चपेट में ले लिया। पंडाल के पास ही खाना बनाने के लिए गैस सिलेंडर रखा था, जो आग से जल उठा। बिजली के तार ने भी आग पकड़ ली, पास रखे जनरेटर में भी डीजल होने के कारण आग और भड़क गई। पंडाल के ऊपर तिरपाल की छत बिछाई गई थी, तिरपाल की पॉलिथीन में आग लग जाने से वो पिघलती हुई लोगों पर गिरी और देखते ही देखते लाशों का ढेर बिछ गया। इस दर्दनाक हादसे में 442 लोगों की मौत हो गई, जिसमें 136 महिलाएं और 258 बच्चे शामिल थे। ये अब तक देश का सबसे बड़ा अग्निकांड माना जाता है।
इन सभी पिछली घटनाओं के अध्ययन करने पर पता चलता है कि आग लगने की अधिकांश दुर्घटनाएं तीन प्रमुख कारणों से होती हैं –
* बिजली का शार्ट सर्किट या गैस सिलेंडर/स्टोव फटना
* मानव की लापरवाही
* गलत तरीके से बनाई गई आदतें 

भारत में अग्नि सुरक्षा से संबंधित प्रावधान
संवैधानिक प्रावधान : अग्निशमन सेवा एक राज्य का विषय है और अनुच्छेद 243 (डब्ल्यू) के तहत भारत के संविधान की बारहवीं अनुसूची के अनुसार यह नगरपालिका के अंतर्गत काम करता है।
भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता 2016 (अग्नि और जीवन सुरक्षा) : भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता में संरचनाओं के निर्माण, रखरखाव और अग्नि सुरक्षा के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश शामिल हैं।
भारत का राष्ट्रीय भवन कोड (NBC) भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा प्रकाशित किया जाता है और यह एक ‘अनुशंसित दस्तावेज’ है।

राज्यों को राष्ट्रीय भवन निर्माण संहिता की सिफारिशों को उनके स्थानीय भवन उपनियमों में शामिल करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाते हैं जो भारतीय राष्ट्रीय भवन संहिता की सिफारिशों को अनिवार्य बनाते हैं।
सभी राज्य सरकारों को भारत के नवीनतम राष्ट्रीय भवन कोड 2016 भाग –IV ‘अग्नि और जीवन सुरक्षा’ को शामिल करने और लागू करने के लिए सलाह जारी की जाती है।

भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) द्वारा अग्नि सुरक्षा के लिए मोटे तौर पर इन क्षेत्रों पर ध्यान दिया जाता है –
आग की रोकथाम : इमारतों के डिजाइन और निर्माण के कारण होने वाली आग की घटनाओं के रोकथाम के पहलुओं पर काम करता है और विभिन्न प्रकार की निर्माण सामग्री और उनकी अग्नि रेटिंग निर्धारित करता है।
जीवन सुरक्षा : आग और इसी तरह की आपात स्थितियों में जीवन सुरक्षा प्रावधानों को शामिल करता है। इसके अलावा निर्माण और अधिवास सुविधाओं में आग, धुएं ऐसी ही अन्य चीजों से होने वाले जीवन के लिए खतरे को कम करने के लिए आवश्यक सुरक्षा उपायों पर ध्यान दिया जाता हैं।
अग्नि सुरक्षा : वर्गीकरण और भवनों के प्रकार के आधार पर अग्नि सुरक्षा के लिए सही प्रकार के उपकरणों और प्रतिष्ठानों का चयन करने के लिए महत्वपूर्ण घटकों और दिशानिर्देशों को शामिल किया गया है।

नेशनल फायर प्रोटेक्शन एसोसिएशन ( NFPA ) एक यूएस-आधारित अंतरराष्ट्रीय गैर-लाभकारी संगठन है जो आग, बिजली और संबंधित खतरों के कारण मृत्यु, चोट, संपत्ति और आर्थिक नुकसान को खत्म करने के लिए समर्पित है।

भारत की औद्योगिक और शहरीकरण को मजबूत एवं आग से सुरक्षित बनाने हेतू हमें इन सभी अग्नि सुरक्षा मानक के तहत भिन्न भिन्न अग्नि प्रतिबंध और अग्नि संरक्षण प्रणाली को अपनाकर जानोमाल की रक्षा के लिये कडे़ कदम उठाना जरूरी है। 
आज अग्निशमन सेवा दिवस पर तमाम शहिदों को नमन। जय हिंद जय भारत। 

- ॶॅड प्रकाश मोतीराम हेडाऊ

अग्निशमन अधिकारी (ताप बिजली केंद्र) 
नागपुर, महाराष्ट्र
लेख 8665056889285941287
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