किसानों का आर्थिक संकट : सोयाबीन ख़रीद केंद्र शुरू न होने से किसान मुश्किल में
https://www.zeromilepress.com/2025/10/blog-post_39.html
आत्महत्याओं में वृद्धि, सरकार मदद पर चुप
नागपुर (दिवाकर मोहोड़)। राज्य में, खासकर विदर्भ में, सोयाबीन और कपास के किसान इन दिनों गंभीर आर्थिक संकट में हैं। चूँकि सरकार द्वारा घोषित अधिकतम खुदरा मूल्य (MRP) अभी तक शुरू नहीं हुआ है, इसलिए किसान अपनी उपज निजी व्यापारियों को MRP से काफ़ी कम दाम पर बेचने को मजबूर हैं।
राज्य सरकार ने सोयाबीन के लिए ₹5328 प्रति क्विंटल MRP तय किया है, लेकिन वर्तमान में बाज़ार भाव केवल ₹3000 से ₹3300 प्रति क्विंटल के बीच है। नतीजतन, किसानों को प्रति क्विंटल ₹2000 तक का नुकसान हो रहा है।
इस साल खरीफ़ सीज़न में भारी बारिश, कीटों और बीमारियों और मौसम की अनिश्चितता के कारण उत्पादन में कमी आई है। इसके अलावा, ख़रीद केंद्रों के संबंध में सरकार की ओर से कोई स्पष्ट आदेश न मिलने से किसान असमंजस में हैं। खरीफ सीजन के लिए लिए गए कर्ज, खाद, बीज और बिजली के बिल चुकाना ज्यादातर किसानों के लिए मुश्किल हो गया है। सोयाबीन ही नहीं, कपास की कीमतें भी गिर गई हैं। सरकार ने कपास के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित कर दिया है - मध्यम ग्रेड: ₹7710 प्रति क्विंटल, लंबी ग्रेड: ₹8110 प्रति क्विंटल लेकिन बाजार में कपास केवल ₹6200 से ₹6500 में बिक रहा है।
केवल घोषणाओं में सहायता; पिछले कुछ हफ्तों में किसानों की आत्महत्या की घटनाओं में चिंताजनक रूप से वृद्धि हुई है। कृषि उपज के लिए उचित मूल्य न मिलना, बैंक ऋण, कृषि में घाटा और सरकार की ओर से मदद का अभाव इन दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के लिए जिम्मेदार कारक हैं।
सरकार ने कुछ महीने पहले प्रति हेक्टेयर वित्तीय सहायता की घोषणा की थी; लेकिन यह अभी तक किसानों के खातों में जमा नहीं हुई है। साथ ही, कर्ज माफी की प्रक्रिया कई जगहों पर कागजों पर अटकी हुई है।
किसानों की समस्या केवल वित्तीय ही नहीं, बल्कि अस्तित्वगत भी है। एक तरफ़ कुदरत की मार, दूसरी तरफ़ सरकार की देरी - जिसके चलते किसान बेबस हो गए हैं।
किसानों की मुख्य माँगें : सोयाबीन और कपास के ख़रीद केंद्र तुरंत खोले जाएँ, गारंटीशुदा क़ीमत पर पूरी ख़रीद सुनिश्चित की जाए, प्रति हेक्टेयर घोषित सहायता राशि तुरंत वितरित की जाए, बकाया कर्ज़ माफ़ी तुरंत लागू की जाए, किसान आत्महत्याओं को नियंत्रित करने के लिए एक अलग पैकेज की घोषणा की जाए।
