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डॉ. शशिकांत शर्मा का गीत संग्रह 'गीत गगरिया' लोकार्पित


नागपुर। अर्चना साहित्यिक- सांस्कृतिक संस्था एवं नागपुर जिला हिंदी अध्यापक मंडल के अध्यक्ष राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित डॉ. शशिकांत शर्मा के गीत संग्रह 'गीत गागरिया' का पंजाब के पूर्व राज्यपाल एवं द हितवाद के प्रबंध संपादक बनवारीलाल पुरोहित के शुभहस्ते पत्रकार क्लब के सभागृह में लोकार्पण किया गया। 

रातुम विद्यापीठ नागपुर के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. मनोज पांडेय ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की जबकि प्रमुख अतिथि के रूप में मध्य प्रदेश व छत्तीसगढ़ के कार्यालय प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त अनिल त्रिपाठी, संस्था के संरक्षक सुप्रसिद्ध साहित्यकार एवं आयुर्वेदाचार्य डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय एवं सचिव श्रीमती शशि भार्गव 'प्रज्ञा' मंचासीन थे। अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन, माँ शारदा के चित्र को माल्यार्पण एवं शशि भार्गव की सरस्वती वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।

संस्था की ओर से सर्वश्री दीनानाथ शुक्ल, डॉ. कल्पेश उपाध्याय, डॉ. मधुकर वाघमारे. चंचल सिंह हंसपाल, नरेंद्र परिहार, श्रीमती सुरेखा शर्मा ने मंचासीन अतिथियों का शॉल, श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया। डॉ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय ने अपने प्रास्ताविक में संस्था की गतिविधियों, उद्देश्यों एवं भावी योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम का बीजारोपण किया। तत्पश्चात मंचासीन अतिथियों द्वारा डॉ. शशिकांत शर्मा के गीत संग्रह 'गीत गागरिया' का लोकार्पण किया गया। 

इस अवसर पर डॉ  मधुलता व्यास, डॉ. नीरज व्यास, पुरुषोत्तम पंचभाई, राजेंद्र सिंह राज, प्रा. मनीष बाजपेयी, प्रा. सुनील ककवानी, मोहनलाल, प्रकाश आचार्य, जयप्रकाश शर्मा, कुसुम शर्मा, रामबाबू शर्मा, हेमलता मिश्रा, कृष्ण कुमार भार्गव आदि ने रचनाकार डॉ. शशिकांत शर्मा का सत्कार किया। मनोगत व्यक्त करते हुए डॉ. शशिकांत शर्मा ने अपनी रचना धर्मिता, कृति की प्रक्रिया एवं तत्संबंधित अनुभवों का वर्णन किया तथा 'गीत गगरिया' के मुखपृष्ठ एवं मुद्रक राजेंद्र बिडकर का शॉल, श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर सम्मान किया। 

अनिल त्रिपाठी ने अपने वक्तव्य में सभी रचनाओं को उत्कृष्ट एवं गेय बताया। डॉ. मनोज पांडेय ने गीत गगरिया में निहित सभी रचनाओं को सामाजिक, राष्ट्रीय व पारिवारिक दायित्वों का निर्वहन करने वाली आशा और विश्वास का अलबम बताया। बनवारीलाल पुरोहित ने अपने उद्बोधन में कहा कि शशिजी की रचनाएँ समाज के हर वर्ग को कर्तव्य निर्वहन की सीख देती हैं। आज समाज को ऐसे साहित्यकारों की बहुत आवश्यकता है। उन्होंने सभी साहित्यकारों से आग्रह किया कि सामाजिक एकता एवं समरसता बढ़ाने के लिए अपने घर में साप्ताहिक संगोष्ठी का आयोजन करना चाहिए। इससे समाज में आपसी भाईचारा बढ़ेगा और साहित्य सृजन में वृद्धि होगी।

कार्यक्रम का कुशल मंच संचालन एस. पी. सिंह ने किया जबकि दीनानाथ शुक्ल ने आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम की सफलतार्थ सर्वश्री नीरज श्रीवास्तव, प्रकाश काशिव, डॉ. भोला सरवर, टीकाराम साहू आजाद, अनुराग भार्गव, विजय श्रीवास्तव, के.एस, तिजारे, योगेश शर्मा, ऋषभ शर्मा, किरण त्रिपाठी, प्रीति शर्मा, बानी शर्मा, काव्या शर्मा, आदि ने अथक प्रयास किया।
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