साहित्यिकी में किताबें बोलती है
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नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन के उपक्रम साहित्यिकी में किताबें बोलती है कार्यक्रम का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षा साहित्यकार रंजना श्रीवास्तव का स्वागत सह संयोजिका हेमलता मिश्र मानवी व सह संयोजक शादाब अंजुम ने अंगवस्त्र से किया। कार्यक्रम का संचालन संयोजक प्रा आदेश जैन ने किया।
कार्यक्रम में डॉ भोला सरवर ने (फिक्रे सरवर), मेघा अग्रवाल (सफर की बातें दिल से), लक्ष्मीनारायण केशकर (शाकुन्तलम- रंजना श्रीवास्तव), हेमलता मिश्र मानवी (365डिग्री- संजय अग्रवाल), लीलाधर सिन्हा (रश्मिरथी- रामधारी सिंह दिनकर),शादाब अंजुम (जिंदान-परवीन शग़फ), आदेश जैन (दीवान-ए-अंजुम-शादाब अंजुम), माया शर्मा (अनुभवों का गुलदस्ता- रामकृष्ण सहस्त्रबुद्धे) ने ऐसी विभिन्न साहित्यकारों की किताबों के बहुत ही रोचक, मनोरंजक और आध्यात्मिक अंश पढ़कर सुनाए।
अंत में कार्यक्रम की अध्यक्षा रंजना श्रीवास्तव ने कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए सुधा राठौर की किताब ‘आखर के पाखी’ के पसंदीदा अंश पढ़कर सुनाए। कार्यक्रम में सुनील तिवारी, अमर रामटेके, सुजाता दुबे, दीपक गुप्ता, ज्योति चौधरी, दिनेश बागड़ी, राजीव गायकवाड़, अनीता गायकवाड़, समीर पठान, जयशंकर तिवारी आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। सह संयोजिका हेमलता मिश्र मानवी ने सभी का आभार व्यक्त किया।

