दीन दुखियों का सहारा बनने, आज भी आते हैं देवदूत : राजेंद्र सायरे
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नागपुर। विदर्भ हिंदी साहित्य सम्मेलन में चौपाल उपक्रम के अंतर्गत दीन दुखियों के देवदूत इस शीर्षक पर परिचर्चा का आयोजन, हिंदी मोर भवन, सीताबर्डी, नागपुर में संयोजक विजय तिवारी तथा सहसंयोजक हेमंत कुमार पांडे इनके नेतृत्व में किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजेंद्र सायरे, वैद्यकीय सहायक ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (एम्स) नागपुर व विशेष अतिथि योगेश नासरे, वैद्यकीय सहायक गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नागपुर उपस्थित थे।
मुख्य अतिथि राजेंद्र सायरे ने मेडिकल इमरजेंसी के समय, किन- किन सावधानियां का ख्याल रखना चाहिए वह शासन द्वारा उपलब्ध कराई जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठाना चाहिए। साथ ही किस प्रकार जरूरतमंद, गरीब व्यक्तियों की कठिन परिस्थिति में मदद करना चाहिए, इन सभी मुद्दों पर उन्होंने विस्तार से समझाया।
उन्होंने अनेक उदाहरण देकर कई दुखद व प्रेरणादायक घटनाओं का विवरण दिया व शासन द्वारा एंबुलेंस सेवा, अर्थ सहाय सेवा, जैसे की आयुष्मान कार्ड, ज्योतिबा फुले कार्ड, इसी प्रकार बीपीएल कार्ड के महत्व के बारे में बताया, साथ ही उन्होंने किसी भी प्रकार की कठिन परिस्थिति में मदद करने का आश्वासन भी दिया।
आगे उन्होंने बताया कि नेशनल कैंसर इंस्टिट्यूट, नागपुर में भी देश के अनेक उद्योगपति जैसे अदानी व अंबानी समूह भी गरीबों को अर्थ सहाय उपलब्ध कराते हैं। इसी प्रकार गवर्नमेंट कॉलेज नागपुर में भी विधायक और सांसदों की निधि से भी जरूरतमंद रोगियों को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराई जाती है। यह सुविधा उपलब्ध कराने में उन्होंने मदद करने का आश्वासन दिया।
इसी प्रकार विशेष अतिथि योगेश नासरे नागपुर जिले के ग्रामीण अंचल से है। वे वारकरी संप्रदाय से होने की वजह से उन्हें बालपन में ही मानव सेवा की प्रेरणा मिली और उन्होंने आजीवन दीन दुखियों की सेवा करने का संकल्प लिया। अपनी अल्प आयु में किस प्रकार वे वैदिकय सहायक बने इसका उन्होंने बहुत ही रोचक ढंग से वर्णन किया। उनके जीवन में आने वाली कठिनाई, अनुभव, उपलब्धि व भविष्य में सेवा देने की उत्सुकता, उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा।
मदन गोपाल बाजपेई ने अपने व्यक्तित्व में देवदूत अर्थ को अनेक प्रसंगों से परिभाषित किया।
कार्यक्रम के संयोजक व सहसंयोजक ने चौपाल के माध्यम से मुख्य अतिथि व विशेष अतिथि ने जो जरूरतमंद की सेवा व समाज कार्य किया है, इनके उसे कार्य के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।
अंत में कार्यक्रम के सहसंयोजक हेमंत कुमार पांडे इन्होंने सभी अतिथियों का व श्रोताओं का आभार प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में सफल बनाने में श्रीमती, माया शर्मा, प्रीती पाटील किशोरी गणवीर व सर्वश्री डॉ सौरभ शुक्ला, धीरज दुबे, अम्बरीष दुबे, पद्मदेव दुबे, जगत बाजपेई, हृदय चक्रधर, राजेश, ए जी मिले, गणेश सिंह ठाकुर, शत्रुघ्न तिवारी, सचिन शुक्ला, जयशंकर तिवारी, रविंद्र सिंह, सिद्धार्थ साखरे, लक्ष्मीनारायण केसकर, भोजराज, डॉक्टर बच्चू पांडे इन्होंने अपना अमूल्य योगदान दिया।
